मुजफ्फरनगर। शहर से निकलने वाले कूड़े के निस्तारण के लिए नगर पालिका टेंडर जारी करने की तैयारी में है। करीब डेढ़ साल से कूड़े के निस्तारण काम बंद है। इसके चलते किदवईनगर के डंपिंग ग्राउंड में कूड़े के बड़े पहाड़ खड़े हो गए हैं। इससे आसपास के लोगों की जिंदगी मुहाल हो गई है। काम शुरू कराने के लिए नगर पालिका को करीब 35 लाख रुपये की जरूरत है, जबकि इसमें से 20 लाख की स्वीकृति मिल गई है।
नगर से निकलने वाले कूड़े के निस्तारण का काम एटूजेड़ कंपनी करती थी, लेकिन करीब डेढ़ साल से कंपनी ने काम करना बंद कर दिया है। नगर पालिका ने शहर की सफाई के साथ ही डलावघरों से कूड़ा उठाने की व्यवस्था तो संभाल ली, लेकिन निस्तारण का काम शुरू नहीं कर पाई। नगर से प्रतिदिन करीब 175 टन कचरा निकलता है। रोजाना यह कचरा किदवईनगर के डंपिंग ग्राउंड में डाल दिया जाता है। यहां पर निस्तारण नहीं होने से डंपिंग ग्राउंड में कचरे के बड़े-बड़े पहाड़ खड़े हो गए हैं। कई बार तो कूड़ा डालने के लिए जगह नहीं बची तो नगर पालिका ने पॉकलेन लगाकर नया कूड़ा डालने के लिए जगह तैयार की। बढ़ रहे कूड़े के ढेरों से आसपास के लोगों का जीना मुहाल हो गया है। गंदगी और बदबू के कारण करीब एक किलोमीटर के क्षेत्र में बुरा हाल रहता है। लंबी प्रक्रिया के बाद नगर पालिका ने अब कूड़ा निस्तारण कार्य का टेंडर जारी करने का प्रयास शुरू किया है। नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा. आरएस राठी का कहना है कि कूड़ा निस्तारण कार्य के लिए टेंडर जारी किया जाएगा। इस काम को शुरू करने के लिए करीब 35 लाख रुपये खर्च आने का अनुमान है। 14वें वित्त की धनराशि से करीब 20 लाख रुपये की स्वीकृति मिल गई है। उन्होंने बताया कि जल्द ही टेंडर जारी करने की प्रक्रिया शुरू होगी।
एटूजेड़ से खत्म नहीं हुआ अनुबंध
मुजफ्फरनगर। नगर से कूड़ा उठाने तथा फिर निस्तारण का काम देख रही एटूजेड़ कंपनी का अनुबंध अभी खत्म नहीं हुआ है। इस कंपनी को 2021 तक काम करना था, लेकिन करीब डेढ़ साल से कंपनी ने काम बंद कर रखा है। इसके बावजूद अभी तक कानूनी रूप से कंपनी का अनुबंध समाप्त नहीं हुआ है। इसके लिए नगर पालिका की ओर से कागजी कार्रवाई पूरी की जा रही है।